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Bhuiyan Ke Geet

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    Written byRASHMI RAMESHWAR GUPTA
  • Book TitleBhuiyan Ke Geet

  

भुइयाँ के गीत (Bhuiyan Ke Geet)

(छत्तीसगढ़ी काव्य-संग्रह )

ISBN:  978-81-988470-1-0

Publisher - Authors Tree Publishing

Pages - 118, Language - Hindi

Price - Rs.249/- Rs. 190/- only

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Category - Poetry Book

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बहुमुखी प्रतिभा के धनी रश्मि गुप्ता अध्यापिका, गायिका, कवयित्री, छन्द-साधक, मंच-संचालक जइसन अनेक क्षेत्र मा अपन नाम ला स्थापित कर चुके हें। इँकर छत्तीसगढ़ी कविता अउ गीत के न वा संग्रह के पाण्डुलिपि मोला पढ़े बर मिलिस हे। ए किताब मा अलग-अलग विषय के 51 गीत के संकलन हवय। रश्मि जी किताब के मंगलाचरण मा अपन इष्ट देवी ला सुमिर के छत्तीसगढ़ वंदना करके प्रदेश के भुइयाँ बर अपन उद्गार प्रकट करिन हें। छत्तीसगढ़ के भुइयाँ के गौरव बखानत पूरा आत्मविश्वास के संग कहिथे - 

हमर भुइयाँ के गीत ला गा के तो देख,
चटनी अउ बासी खा के तो देख । ।
दुनिया तँय किंजर ले संगी,
फेर एक घाँव छत्तीसगढ़ आ के तो देख । ।

छत्तीसगढ़ बर रश्मि जी के मया “आवा संगी आवा साथी” गीत मा घलो मुखरित होइस हे। अपन प्रदेश के संगे-संग अपन देश ऊपर गर्व करत “पावन भारत भुइयाँ” अउ सोन चिरैया गीत मन मा कवयित्री के देश प्रेम के भाव ला अंताजे जा सकथे । जय गंगान के धुन मा “भारत भुइयाँ हावय महान” के गीतात्मकता घलो देखते बनत हे। आह्वान गीत “धरती दाई” अगर संगीतबद्ध होके गाँव-गाँव तक पहुँचही त निश्चित ही छत्तीसगढ़ के किसान मन ला प्रेरित करही । 

रश्मि गुप्ता जी के ये संग्रह मा जिहाँ छत्तीसगढ़ के संस्कृति तिहार-परब तीजा-पोरा गीत, भोजली, माघी पुन्नी मेला, अक्ति जइसे शीर्षक के गीत मन छत्तीसगढ़ी अस्मिता ला पोठ करत हें उहें “राजीव लोचन स्वामी”, “मंदिर देवाला के नगरी आरंग” अउ “राजिम के पावन भुइयाँ” शीर्षक के गीत मन छत्तीसगढ़ के धार्मिक अउ पौराणिक महत्व ला रेखांकित करत हें । छत्तीसगढ़ के स्थानीय तिहार मन के अलावा होली, देवारी, रक्षा बंधन, ईद जइसन राष्ट्र स्तरीय तिहार मन घलो ये संग्रह के विषय-वस्तु बनिन हें । 

ए संग्रह के बहुत अकन गीत मन मा मनमोहक प्रकृति चित्रण करे गे हे । “बरखा रानी” अउ “आजा हीरा तोला बन किंजराहूँ” रचना मन मोर कथन के प्रमाण आँय । 
छत्तीसगढ़ के गाँव मनन मा दैनिक खान-पान “नून बासी” आय। “भुइयाँ के गीत” किताब मा नून-बासी अगर शामिल नइ होतिस त ये संग्रह अधूरा लगतिस । नवा बछर मा मनखे मन एक दूसर ला बधाई देवत किसम-किसम के आयोजन करके खुशी मनाथें फेर रश्मि गुप्ता जी नवा बछर मा छत्तीसगढ़ के विकास के आशा करत हें । इही हर आय भुइयाँ के प्रति सच्चा मया । 

“उड़ी-उड़ी बोले चिरैया” गीत के सुग्घर शब्द अउ भाव मा लोक-पुट ममहावत हे । “धक-धक करथे जीव ह मोर” गीत मा ग्राम्य-जिनगी के दिनचर्या ह शब्दांकित होगे हे । गऊ माता बर रचना “तैंतीस कोटि देवता” विशेष गीत बन गे हे । नवा-नवा आविष्कार के कारण दैनिक जिनगी के उपयोग मा अवइया जिनिस मन नँदावत हें । जिनिस के संगे-संग जिनिस के नाम घलो चलन के बाहिर हो जाथे माने शब्द मन नँदा जाथें । साहित्य एक अइसन माध्यम आय जेहर नँदावत जिनिस ला विषय वस्तु बना के शब्द ला जिंदा रखथे । “नान्हें मचिया” गीत ले “मचिया” शब्द ला पुनर्जीवन मिलही । 

“सोचत हावँव मँय हर मालिक” गीत आध्यात्मिक भाव आधारित कविता आय । “चल मोनू” कविता सर्व शिक्षा अभियान बर जागरूक करत हे । “बेटी हावय वरदान” द्वारा कवयित्री हर अपन सामाजिक दायित्व के निर्वाह करत हे। “दाई के अँगना” बहुते मार्मिक गीत आय । “धक-धक करथे जीव ह मोर” - जय गंगान के धुन मा छत्तीसगढ़ के नारी के दिनचर्या के वर्णन आय । 

स्वच्छता बर जागरूक करत - “मइला झन बगरा न” अउ “स्वच्छता गीत” आज के दौर मा जन जागरण बर प्रासंगिक हें। अपन संवैधानिक अधिकार बर जागरूक करत “चुनई के तिहार” अउ “मतदान बर जागरूकता” गीत के सृजन करिन हें । ये संग्रह मा पारम्परिक विषय के अलावा वर्तमान समय के विसंगति घलो समाहित करे गे हे । “टेम नइहे” गीत मा सोशल मीडिया के लत ऊपर कटाक्ष करे गे हे।
रश्मि गुप्ता जी के काव्य लेखन के शैली गजब अनूठा हे । ध्वन्यात्मकता, गीत के सरसता ला कई गुना बढ़ा देथे । उदाहरण देखव - 
छुनुर-छुनुर तोर बहिरी बाजय, घुनुर-घुनुर तोर जतली,
छुनुर-छुनुर तोर जेहर बाजय, घुनुर-घुनुर तोर ककनी । ।

मुहावरा अउ लोकोक्ति के प्रयोग साहित्यकार के ज्ञान के परिचायक होथे । “समय हवय बलवान” कविता मा लोकोक्ति के सुग्घर प्रयोग होइस हे। 

रश्मि गुप्ता जी सुग्घर गायिका हवँय अउ “छन्द के छ ऑनलाइन गुरुकुल” के छन्द साधिका घलो रहिन हें तेपाय के इँकर हर गीत मा लय के होना स्वाभाविक हे । ये संग्रह मा कुछ रचना मन छन्द मा तको संग्रहित करे गे हें । “श्याम रंग” दोहा छन्द मा हे । “गौरैया के बोल” मा सिंहावलोकनी मा दोहा के सुग्घर प्रयोग करे गे हे । “पानी”, “रुख़राई” अउ “भुइयाँ” कुण्डलिया छन्द मा लिखे गे हे । रोला अउ उल्लाला छन्द मा घलो रचना पढ़े बर मिलहीं ।

मोला पूरा भरोसा हे कि रश्मि गुप्ता जी के छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह “भुइयाँ के गीत” हर पाठक के मन ला मोह लिही । नवा कविता लिखइया कवि मन ला गीतात्मक कविता लिखे बर प्रेरित करही अउ छत्तीसगढ़ी साहित्य ला पोठ करे मा अपन योगदान दिही । अइसने किताब मन छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण के रद्दा ला सुगम बनाथें । बहुमुखी प्रतिभा के धनी कवयित्री गायिका रश्मि गुप्ता जी ला मोर अउ छन्द के छ परिवार डहर ले गाड़ा-गाड़ा बधाई ।
 

About Author

RASHMI RAMESHWAR GUPTA

रश्मि रामेश्वर गुप्ता पेशे से शिक्षिका हैं। वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिंगियाडीह में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रश्मि गुप्ता जी साहित्यकार, कवयित्री, कुशल मंच संचालक, समाज सेविका एवं लोक गायिका के रूप में जानी जाती हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से लगातार उनके गीतों एवं लेखों का प्रसारण होता रहता है, वहीं दैनिक समाचार पत्र "दैनिक भास्कर" की कालम राईटर रही हैं। पुस्तक उपन्यास "मां" (अमेजन में बेस्ट सेलर अवार्ड) (OMG रिकॉर्ड 2024), "सियान मन के सीख" भाग 1 एवं 2 (छत्तीसगढ़ का छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रथम प्रेरक प्रसंग), "एक दीप जला देना"(हिंदी काव्य संग्रह), "अंतर्मन" संस्मरण के साथ ही ऑडियो कैसेट "हमर भुइयां" यू ट्यूब पर उपलब्ध है। डॉ. मुकुटधर पांडेय राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित रश्मि जी को नारी शक्ति, प्रतिभा रत्न ,समाज गौरव, छत्तीसगढ़ रत्न आदि अनेकों सम्मान प्राप्त हैं।

 

Rashmi Rameshwar Gupta is a teacher by profession, currently serving as a lecturer at the Government Higher Secondary School in Lingiyadih. Endowed with diverse talents, she is known as a writer, poet, skilled stage anchor, social worker, and folk singer. Her songs and articles are regularly broadcast on All India Radio and Doordarshan. She has also worked as a column writer for the daily newspaper Dainik Bhaskar.

Her published works include the novel “Maa” (Hindi Edition), which received the Amazon Bestseller Award and an OMG Record in 2024; “Siyan Man Ke Seekh” (Parts 1 and 2 – the first inspirational series in the Chhattisgarhi language); “Ek Deep Jala Dena” (a Hindi poetry collection); and “Antarman” (a memoir). Her audio cassette “Hamar Bhuiyan” is available on YouTube.

Honored with the Dr. Mukutdhar Pandey State Teacher Award, Rashmi ji has also received numerous other accolades including the Nari Shakti Samman, Pratibha Ratna, Samaj Gaurav, and Chhattisgarh Ratna awards.

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