
- Delivery worldwide
- Status: In Stock
Rajneetik Gherav
Book By Ansuman Bhagat, Balaji Mishra
Details :
Publisher - Authors Tree Publishing
Pages - 126, Language - Hindi
Price - Rs. 349/- Only (Paperback),
Rs. 449/- Only (Hardback)
(Pre-Order Paperback/Hardback)
Category - Non-Fiction/Self-Help/Politics
Delivery Time - 6 to 9 working days (After Release)
Pre-Order Paperback
Pre-Order Hardback
-------------------------------------------------------------------------------
लेखक अंशुमन भगत और बालाजी मिश्रा ने राजनीति के हर क्षेत्र में उसके प्रभाव को इस पुस्तक में दर्शाया है, क्योंकि राजनीति एक ऐसा विषय है, जिस पर अलग-अलग लोगों के भिन्न विचार होते हैं, “राजनीतिक घेराव” यह पुस्तक लोगों की सोच और उनके भावनाओ को समझकर लिखा गया है। यह पुस्तक किसी व्यक्ति या किसी एक राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता है, इस पुस्तक का लिखने का एकमात्र उद्देश्य यही है कि राजनीतिक विषय पर लोग अपने खुद के विचार और भावना को खुलकर समाज में सामने ला सके।
इस विषय से संबंधित प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति की सोच और उनके विचार को प्रकट किया गया है, जो समय के अनुसार राजनीति के विषय पर लोगो के भीतर पनपता है, किस प्रकार लोग, सरकार द्वारा किए कार्यो को आंकते हैं और सरकार के प्रति लोगों की क्या भावना होती है? इन सभी मुद्दों का बड़े बारीकी से उल्लेख किया गया है।
लोगो की सरकार के प्रति उनकी सोच कहाँ तक सही है और कहाँ गलत, इसी के साथ देश में चल रहे कई ऐसे मुद्दे हैं, जो हमेशा से चर्चा का विषय तो ज़रूर रहा है किंतु इसपर कभी समाधान नहीं निकलता और यह सिर्फ जनता के जहन मे केवल एक विचार बनकर रह जाता है। इन्हीं भिन्न विचारों को ""राजनीतिक घेराव"" पूस्तक का रूप दिया गया है, ताकि राजनीति को हर कोई करीब से जान सके।
आज बात करें, किसी क्षेत्र की या किसी भी व्यक्ति की, तो वह कहीं न कहीं राजनीति से जरूर घिरा हुआ होता है। चाहे आम आदमी हो या कोई प्रसिद्ध हस्ती, इस पुस्तक में ऐसे अनेकों मुद्दे पर जिक्र किया गया है, जो एक तरीके से समाज में बदलाव ला सकता है। एक व्यक्ति अपना कीमती वोट अपने भरोसेमंद नेता को जिताने के लिए डालता है, क्योंकि उनसे उन्हें कई उम्मीदें होती है, जो समाज की भलाई और विकास को महत्व दे सके। ऐसे एक नहीं करोड़ों होते हैं, जो उम्मीद करते हैं कि हमारे देश में एक ईमानदार सरकार आ जाए। जो नागरिकों के हित में फैसले ले सके, जिससे देश की जनता के साथ देश भी तरक्की करें किंतु ऐसा नेता या ऐसी सरकार आपकी उम्मीदों पर खरी ना उतरे तो उस वक़्त उस आम जनता के जहन मे सरकार के प्रति किस प्रकार की भावना जन्म लेती है? और सही मायने मे वास्तविकता क्या होती है? इस विषय पर काफी बारीकी से पुस्तक में उल्लेख किया गया है, साथ ही अब तक के राजनीतिक सफर पर भी प्रकाश डाला गया है, ताकि हर व्यक्ति को अच्छे से ज्ञात हो कि देश की शुरुआती दौर की राजनीति और वर्तमान की राजनीति से इस देश में क्या-क्या बदलाव हुए हैं। देश में कई बदलाव करने हैं और धीरे-धीरे दिख भी रहा है किंतु हमें राजनीति को बदलना होगा और यह जरूरी भी है, ताकि इस देश को एक अच्छा नेता और एक अच्छी राजनीतिक दल मिल सके। यह कैसे होगा? इसका वर्णन भी इस किताब में विस्तार से किया गया है, बदलाव हर कोई चाहता है किंतु आगे कोई नहीं आना चाहता। यह पुस्तक उन जैसों को प्रेरणा देगी, जो इस विषय को लेकर गंभीर है और सही मायने में समाज और देश की तरक्की देखना चाहते हैं और यह मुमकिन है। हर कोई गांधी नहीं बन सकता किंतु सभी की एकता और सकारात्मक विचार से बदलाव की क्रांति लाई जा सकती है। जो देश की तरक्की के लिए अत्यंत आवश्यक है।