Interview With
ट्रांसपेरेंसी ऑफ लाइफ (Transparency of Life) बुक के लेखक, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर प्रेम सोलंकी का अद्भुत साक्षात्कार - प्रिया (ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग)...✍️
प्रिया : आपको पहली बार कब एहसास हुआ कि आप एक लेखक बनना चाहते हैं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : जब में 10th क्लास में था मुझे विचार आया की मुझे भी लेखक बनना हैं |
प्रिया : आपको किताब लिखने में कितना समय लगता है?
प्रेम सोलंकी(Prem Solanki) : मेरी पहली किताब मैंने दो साल तीन महीने में लिखी |
प्रिया : जब आप लिख रहे होते हैं तो आपका कार्यसूची कैसी होती है?
प्रेम सोलंकी(Prem Solanki) : यह सही से कह नही सकते की हर दिन कुछ लिखना ही हैं मुझे जैसे जैसे विचार आते थे में भी वैसे ही उन्हें लिखता था, बहुत बार तो एक सप्ताह में बस एक पेज ही लिख पता था।
प्रिया : आप क्या कहेंगे कि आपका दिलचस्प लेखन क्या है?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : मुझे सेल्फ हेल्प , लव स्टोरी और युनिंक थिंकिंग पर लिखना ज्यादा पसंद हैं|
प्रिया : पुस्तकें कैसे प्रकाशित होती हैं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : बहुत आसन हैं एक पुस्तक को प्रकाशित करना, बस तीन चीजों का होना जरुरी हैं |
1 लिखना।
2 सही पब्लिशिंग तक पहुचना।
3एक महीने तक इंतजार करना।
बस यह तीन तरीको से हम हमारी पुस्तक को आसानी से प्रकाशित करवा सकते हैं , इस मामले में मै बहुत भाग्य शाली महसूस करता हूँ की मुझे ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग (Authors Tree Publishing ) के साथ काम करने का मौका मिला और मुझे पूरी उमीद हैं की भविष्य में भी यही सहयोग और विश्वास मिलता रहेगा |
प्रिया : आप अपनी पुस्तकों के लिए अपनी जानकारी या विचार कहाँ से प्राप्त करते हैं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : ज्यादातर विचार तो मेरे मन से ही आते हैं और जो आवश्यक हो उन्हें किताबो और इन्टरनेट की सहयता से ले लेता हूँ |
प्रिया : आपने अपनी पहली किताब कब लिखी थी और आपकी उम्र कितनी थी?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : 23 फ़रवरी 2021 को मेरी पहली किताब प्रकाशित हुई और भाग्य, किस्मत का साथ देखिये उसी दिन मेरा जन्म दिवस भी था |
प्रिया : जब आप नहीं लिख रहे होते हैं तो आप क्या करना पसंद करते हैं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : जब मेरे से यह सवाल पूछा जाता हैं तो मेरे से हर बार एक नए उत्तर की अपेक्षा की जाती हैं परन्तु हर बार ऐसा हो यह भी जरुरी नहीं हैं, जब एक सच्चा लेखक नही लिख रहा होता हैं उस समय भी यही सोच रहा होता हैं की लिखना क्या हैं ? कहने को या दिखने में हमे लगता हैं की हम लिख नही रहे पर जब अंतरात्मा से पूछे तो जवाब एक ही आता हैं की हम हमेसा यही सोचते रहते हैं की केसे हम हमारे पाठको का भरोसा बनाये रखे और किस बारे में लिखे की उन्हें फायदा हो ऐसे विचार करते करते पूरा दिन बीत जाता हैं |
प्रिया : आपका परिवार आपके लेखन के बारे में क्या सोचता है?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : उन्हें खुशी होती हैं और जब वह मेरी लिखी किताब हाथो में लेते हैं और पढ़ते हैं तो उनके चहरे की खुशी को में शब्दों से भी बयान नही कर सकता |
प्रिया : अपनी किताबें बनाने में आपने सबसे आश्चर्यजनक चीजों में से एक क्या सीखा?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : मेने यह देखा और समझा की देश में पब्लिशिंग के नाम से हजारो रुपय वसूले जा रहे हैं जो बहुत गलत है हां यह मान सकते हैं की सेवाए थोड़ी अलग और अच्छी मिलती होगी परन्तु इतना भी भार न्यू लेखको पर ना पड़े की उनके पास दूसरी किताब के लिए पैसे ही शेष न बचे| सब से ज्यादा जरुरी हैं एक सही पब्लिशिंग हाउस और मेरे चुनाव से ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग (Authors Tree Publishing ) नये और उभरते लेखको के लिए किसी वरदान से कम नही हैं |
प्रिया : आपने कितनी किताबें लिखी हैं? आपका पसंदीदा कौन है?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : इस सवाल का जवाब देना मेरे हक़ में नही हैं क्योकि मेरा ऐसा मानना हैं सभी किताबे अच्छी होती हैं और कुछ नया सीखती हैं बात रही मेरी पसंदीदा किताब की वो भी मेरे पाठक तय करेंगे की उन्हें कितनी पसंद आई मेरे लिए मेरे भगवान समान या ऐसा बोल सकते हैं की मेरे मनोबल का स्त्रोत ही तय करगे की कोनसी किताब अच्छी हैं कौनसी नही |
प्रिया : क्या आपके पास किसी को बेहतर लेखक बनने में मदद करने के लिए कोई सुझाव है? यदि ऐसा है, तो वो क्या हैं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : इस धरती पर कोई भी व्यक्ति परिपूर्ण नही हैं सब में कोई ना कोई कमी होती ही हैं पर जेसे कमी होती हैं वेसे ही कोई ख़ास गुण भी होता हैं मेरा उदेश्य ऐसे लोगो की तलाश करना हैं जो लेखन में अपना भविष्य देख रहे हैं और उन्हें सही राय और मार्गदर्शन देकर सफल लेखक बनाना हैं |
प्रिया : क्या आप अपने पाठकों से बहुत कुछ सुनते हैं? वे किस तरह की बातें कहते हैं?
प्रेम सोलंकी(Prem Solanki) : मेरे लिए मेरे पाठको का फीडबैक ही बहुत ज्यादा मायने रखता हैं जो मेने पिछले कुछ समय से सुने हैं और मेने उन पर सुधार भी किया हैं मुझे निम्न बाते मेरे प्रियऔर शुभेछु पाठको से सुनने को मिलती हैं -
कवर पर और ध्यान देना था|
लिखा अच्छा हैं पर सब तक कैसे पंहुचा पाओगे अपने विचारों को |
बहुत अच्छी किताब लिखी हैं |
मूल्य ज्यादा लगा |
लेकिन एक बार मुझसे भी बात तो बात कर लेते...
केसे बने लेखक?
कितना खर्च आता हैं?
और भी बहुत बाते जो मुझे बहुत कुछ नया सीखने को प्रेरित कर देती हैं, मैं मेरे पाठको से सुनता हुँ |
प्रिया : अपनी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक के बारे में कुछ बताएं?
प्रेम सोलंकी (Prem Solanki) : जी ! हाल ही में मेरी बुक "Transparency of Life" ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग के माध्यम से पब्लिश हुई है, और इस बुक ने मुझे मेरा फर्स्ट रिकॉर्ड अर्जित करवा दिया है इस बुक के लिए मुझे " Indian book of Records "से नवाजा गया है, ये बुक सभी ऑनलाइन चैनल्स और बुक स्टोर में अवेलेबल है।
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